आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे की URL क्या है URL की संरचना की व्याख्या करें | इस आर्टिकल को बहुत ही आसान शब्दों में लिखा गया है | इसे आप पूरा पढिए यह आपको आसानी से समझ आ जाएगा तो चलिए शुरू करते है |
URL क्या है – What is URL in Hindi
URL का पूरा नाम (Uniform Resource Locator) हैं | यह एक Unique identifier है जिसका उपयोग इंटरनेट पर किसी Resources का पता लगाने के लिए किया जाता है | इसे Web Address भी कहा जाता है | URL में कई भाग होते हैं | जिसमें एक Protocol और Domain Name शामिल होता है | जो Web Browser को बताता है कि किसी Resource को कैसे और कहाँ से पुनः प्राप्त करना है |
अंतिम यूजर URL को सीधे Browser के Address Bar में टाइप करके या किसी WebPage, Bookmark list, Email में या किसी अन्य एप्लिकेशन से मिले Hyperlink पर क्लिक करके उपयोग करते हैं |
URL कितने प्रकार के होते हैं ?
URL मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं –
1. Absolute URL
इस प्रकार के यूआरएल में डोमेन नाम और Directory/Page path दोनों शामिल होते हैं | एक Absolute यूआरएल संपूर्ण स्थान की जानकारी देता है | यह “http://” जैसे Protocol से शुरू होता है और हर Description सहित जारी रहता है | एक Absolute यूआरएल आम तौर पर निम्नलिखित Syntax के साथ आता है |
protocol://domain/path
एक Absolute URL निम्न प्रकार से होता है –
https://blogiguru.com/url-kya-hai/
2. Relative URL
इस प्रकार के यूआरएल में केवल Path होता है, इसमें Domain Name नहीं होता है | Relative यूआरएल का उपयोग Absolute यूआरएल को छोटा करने के लिए किया जाता है |
इसे अवश्य पढ़ें – Domain Name Server DNS Kya Hai ?
एक Relative यूआरएल वर्तमान स्थान के अवधि में एक यूआरएल स्थान Specified करता है | Relative यूआरएल का उपयोग किसी फ़ाइल के दिए गए लिंक को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जो उसी Domain में मौजूद है |
मान लीजिए कि हम अपनी वेबसाइट के किसी Web Page में “Blogiguru.Jpg” नाम की एक इमेज को लिंक करना चाहते हैं, तो यह निम्नलिखित तरीके से प्रदर्शित होगी |
<img src=”blogiguru.jpg”>
URL कैसे काम करता हैं ?
इंटरनेट पर हर वेबसाइट का एक आईपी एड्रेस होता है जो संख्यात्मक होता है | उदाहरण के लिए, www.google.com का IP पता 64.233.167.99 है |
इसे अवश्य पढ़ें – IP Address Kya Hai ?
तो जैसे ही हम अपने ब्राउज़र में किसी वेबसाइट का यूआरएल टाइप करते हैं | फिर हमारा ब्राउज़र DNS की सहायता से उस यूआरएल को उस Domain के IP Address में बदल देता है | और हम उस वेबसाईट तक पहुँच जाते हैं जो हमने Search किया था |
शुरुवाती समय में वेबसाईट को एक्सेस करने के लिए IP का उपयोग किया जाता था लेकिन यह एक मुस्किल तरीका था |क्योंकि इसमे IP नंबरो को याद रखना पड़ता था जो की कठिन काम था | इसके बाद DNS (Domain Name Server) बनाया गया | जिससे आप किसी भी वेबसाईट के नाम को याद रखा जा सकें |
URL की विशेषताएं ?
URL की विशेषताएँ नीचे निम्नलिखित हैं:
1. यूआरएल WWW (World Wide Web) पर किसी भी वेबसाइट या वेब पेज का Unique Address होता है |
इसे अवश्य पढ़ें – WWW Kya Hai ?
2. यूआरएल की मदद से किसी भी वेबसाइट या वेब पेज तक सीधे पहुंचा जा सकता है |
3. किसी वेबसाइट के यूआरएल में दो भाग होते हैं जबकि वेब पेज के यूआरएल में तीन या चार भाग होते हैं |
4. किसी इंटरनेट संसाधन के स्थान से कनेक्ट करने के लिए, एक वेब ब्राउज़र एक यूआरएल का उपयोग करता है |
5. यूआरएल में Protocol-Identifier, WWW और Unique Registered Domain Name शामिल होना चाहिए |
URL के भाग ?
यूआरएल में मुख्य रूप से चार भाग होते हैं: –
1. Protocol
कंप्यूटर नेटवर्क के किन्हीं दो Node के बीच Data Transmission Process को पूरा करने के लिए नियमों और तरीकों के एक सेट को प्रोटोकॉल कहा जाता है | जैसे HTTP (Hyper Text Transfer Protocol)
2. Server Name
यह उस Server का नाम बताता है जिसे Web Browser एक्सेस करता है | वांछित वेब पेज इस भाग में उल्लिखित सर्वर में संग्रहीत हैं |
इसे अवश्य पढ़ें – Web Browser Kya Hai ?
3. File Name
इसमें दूसरे भाग में बताए गए Server नाम में स्टोर फ़ाइल का नाम बताया गया है, जिसे एक्सेस करके Client मशीन पर लाना है |
4. File Path
इस भाग में फ़ाइल नाम से पहले उन निर्देशिकाओं का नाम दिया जाता है, जिनके अंदर फ़ाइल Store होती है |
निष्कर्ष | (Conclusion)
दोस्तों हम आशा करते है की इस लेख से आपको पता चल गया होगा की URL क्या है URL की संरचना की व्याख्या करें | अगर आपको इस लेख से जुड़ा कोई भी प्रश्न पूछना हैं तो आप नीचे Comment करके पूछ सकते हैं। इसे अपने दोस्तों के साथ Share करें.
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