हेललो दोस्तों, आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे की Internet Of Things in Hindi – IOT क्या है और इसकी विशेषताएं | इस आर्टिकल को बहुत ही आसान शब्दों में लिखा गया है | इसे आप पूरा पढिए यह आपको आसानी से समझ आ जाएगा तो चलिए शुरू करते है |
इंटरनेट ऑफ थिंग्स क्या है – What is Internet of Things in Hindi
IoT का पूरा नाम Internet of Things (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) है | इसका इस्तेमाल सेंसर्स, सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी की मदद से डेटा को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है |
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) की का तात्पर्य है “इंटरनेट का उपयोग करने वाले उपकरणों तक पहुंचना और उन्हें नियंत्रित करना” है |
इंटरनेट ऑफ थिंग्स के माध्यम से हम इंटरनेट की मदद से उपकरणों तक पहुंच और नियंत्रण कर सकते हैं |
इंटरनेट ऑफ थिंग्स में थिंग्स का मतलब होता है, “इंटरनेट से जुड़ी वे सभी चीजें जिनका हम अपने जीवन में रोजाना इस्तेमाल करते हैं जैसे की – मोबाइल फोन, स्मार्ट वॉच, घर का पंखा और कार आदि | ” इन सभी चीजों को हम Internet से Connect करके Access कर सकते हैं.
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IoT का उपयोग संस्था और उद्योग में कार्य को गति देने के लिए किया जाता है | जैसे की – कार्य को समय पर पूरा करना, ग्राहक को अच्छी सेवा प्रदान करना तथा बाजार में व्यवसाय का मूल्य बढ़ाना |
Types of Internet of Things (IoT) in Hindi – इंटरनेट ऑफ थिंग्स के प्रकार
1. LPWANs
LPWAN को (Low Power Wide Area Networks) भी कहा जाता है | इसका उपयोग लंबी दूरी के संचार (Communication) करने के लिए किया जाता है | साथ ही LPWAN का उपयोग सभी प्रकार के IoT सेंसर को उपकरणों से जोड़ने के लिए किया जाता है |
LPWAN की मदद से वस्तुओं को Track किया जा सकता है। इसके अलावा पर्यावरण में होने वाली घटनाओं पर नजर रखी जा सकेगी |
2. Cellular Network (3G/4G/5G)
Cellular एक प्रकार का नेटवर्क है | जिसका इस्तेमाल User को बेहतर Voice Call और Video Streaming की सुविधा देने के लिए किया जाता है | जिसकी वजह से यूजर आसानी से Live Video देख सकता है |
इसके अलावा Cellular का इस्तेमाल वस्तुओं को ट्रैक करने के लिए किया जाता है | उदाहरण के लिए, कार में संगीत सुनना और सड़क पर यातायात देखना |
3. Zigbee
Zigbee एक Wireless तकनीक है | जिसका उपयोग वायरलेस डिवाइस से वायरलेस डिवाइस में डेटा ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है | Zigbee को Set-up करने में यूजर को ज्यादा पैसा खर्च नहीं करना पड़ता है | और Zigbee बहुत अधिक ऊर्जा की खपत भी नहीं करता है |
Zigbee को IoT नेटवर्क की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी बनाया गया है |
4. Bluetooth
Bluetooth एक Wireless नेटवर्क है | जिसका इस्तेमाल एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में डेटा और फाइल ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है|
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Bluetooth PAN (Personal Area Network) की श्रेणी में आता है | जिसका मतलब है कि ब्लूटूथ नेटवर्क का इस्तेमाल सीमित क्षेत्र में डेटा और फाइलों को Transfer करने के लिए किया जाता है | इसकी रेंज करीब 100 मीटर है |
5. Wi-Fi
Wi-Fi एक Wireless तकनीक है | जिसका उपयोग कंप्यूटर, मोबाइल और टैबलेट जैसे उपकरणों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए किया जाता है | सीधे शब्दों में कहें तो यूजर आसानी से Wi-Fi की मदद से अपने डिवाइस में इंटरनेट एक्सेस कर सकता है |
Wi-Fi तकनीक सीमित क्षेत्र को कवर करने के लिए है | डिवाइस को इंटरनेट से जोड़ने के लिए Wi-Fi पास की तकनीक और रेडियो सिग्नल का उपयोग करता है |
6. RFID (Radio Frequency Identification)
RFID को Radio Frequency Identification भी कहा जाता है | जिसका उपयोग डाटा ट्रांसमिट करने के लिए किया जाता है | आरएफआईडी डेटा संचारित करने के लिए रेडियो संकेतों का उपयोग करता है |
इसके अलावा RFID का इस्तेमाल रियल टाइम डेटा को Track करने के लिए भी किया जाता है |
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Characteristics of IoT in Hindi – आईओटी की विशेषताएं
- कनेक्टिविटी IoT की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है | IoT डिवाइस और उनके घटक जैसे – सेंसर, कंप्यूट इंजन, डेटा हब आदि एक दूसरे से जुड़े हुए हैं |
- IoT में बहुत से ऐसे Algorithm होते है जिससे की वो Intelligent बन जाता है. इसमें बिग डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया जाता है ताकि बेहतर फैसले लिए जा सकें |
- बिना सेंसर के IoT संभव नहीं है | सेंसर के जरिए ही पर्यावरण में होने वाले बदलावों का पता लगाया और मापा जाता है |
- IoT की मुख्य विशेषताओं में से एक इसकी सुरक्षा है | IoT उपकरणों में बहुत अधिक सुरक्षा खतरे हैं। इन खतरों से बचना बहुत जरूरी है | इसमें संवेदनशील सूचनाओं को ट्रांसफर किया जाता है | इस डेटा को हैकर या हमलावर द्वारा हेरफेर और चोरी किया जा सकता है |
- IoT सिस्टम को डिजाइन करते समय, हमें सुरक्षा उपायों को अपनाना चाहिए जैसे – फ़ायरवॉल स्थापित करना, VPN का उपयोग करना आदि |
Applications of Internet of Things (IoT) in Hindi – इंटरनेट ऑफ थिंग्स के अनुप्रयोग
- IoT रोगियों और डॉक्टरों दोनों के लिए बहुत उपयोगी है | इसके प्रयोग से रोगों का पता चल जाता है, रोग ठीक हो जाता है तथा आपात स्थिति में रोगी की जान भी बचाया जा सकता है |
- स्मार्ट तरीके से खेती करने के लिए IOT का इस्तेमाल किया जाता है | इसका उपयोग कृषि में फसलों और खेतों की गुणवत्ता की जांच के लिए किया जाता है |
- घर को स्मार्ट बनाने के लिए भी इंटरनेट ऑफ थिंग्स का इस्तेमाल किया जाता है | जैसे- घरों की रक्षा करना, घर में रोशनी करना आदि |
- स्मार्ट सिटी के निर्माण में इंटरनेट ऑफ थिंग्स का इस्तेमाल किया जा रहा है |
- IoT का उपयोग Wearables में किया जाता है। जैसे स्मार्ट वॉच, हार्ट रेट मॉनिटर, फिट बिट्स और जीपीएस ट्रैकिंग बेल्ट आदि | गूगल, एप्पल और सैमसंग जैसी बड़ी कंपनियां इन उपकरणों को विकसित करती हैं |
- IoT का उपयोग यातायात की निगरानी के लिए भी किया जाता है | IoT के पास ऐसे उपकरण हैं। जिसके इस्तेमाल से यूजर ट्रैफिक पर आसानी से नजर रख सकता है |
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Advantages of Internet of Things (IoT) in Hindi – इंटरनेट ऑफ थिंग्स के फायदे
- IOT तक पहुंचना बहुत आसान है। IOT की मदद से हम दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर जरूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
- IOT उपकरणों में डेटा ट्रांसफर करने की गति काफी तेज होती है। ये डिवाइस एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में बहुत तेजी से डेटा ट्रांसफर करते हैं |
- IoT व्यवसाय के खर्चों को कम करने में मदद करता है | जिससे बिजनेस में होने वाला खर्च काफी हद तक कम हो जाता है |
- IoT स्वचालन को एक बड़ा बढ़ावा देता है | Automation का मतलब है कि जिस काम के लिए इंसानों को करने की जरूरत नहीं है। IoT के डिवाइस किसी भी काम को अपने आप पूरा करने में सक्षम हैं |
- आईओटी में यूजर का समय बचता है | इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि IOT किसी भी काम को काफी तेज गति से पूरा करने में सक्षम है | इसलिए यह बहुत समय बचाता है |
- IoT के इस्तेमाल से हम किसी भी तरह की चीज पर आसानी से नजर रख सकते हैं | जैसे हवा की मात्रा की निगरानी करना, तापमान की निगरानी करना, वायु की गुणवत्ता की निगरानी करना और अपने उत्पाद की निगरानी करना आदि |
Disadvantages of Internet of Things (IoT) in Hindi – इंटरनेट ऑफ थिंग्स के नुकसान
- IOT का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसमें सुरक्षा का अभाव है | यानी यूजर का डाटा पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। IoT के अधिकांश उपकरण इंटरनेट से जुड़े हुए हैं |
- IoT में प्रौद्योगिकी को डिजाइन करना, उन्हें विकसित करना और उन प्रौद्योगिकियों को बनाए रखना बहुत कठिन और जटिल है |
- आजकल, अधिकांश कार्य IoT- सक्षम मशीनों द्वारा पूरे किए जाते हैं | जिसकी वजह से लेबर वर्क की जरूरत नहीं पड़ती है | जिससे बेरोजगारी बढ़ती है |
- आज के समय में लगभग हर व्यक्ति पूरी तरह से IOT उपकरणों पर निर्भर हो गया है | अर्थात इन यंत्रों के बिना मनुष्य कोई भी कार्य नहीं कर सकता है |
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निष्कर्ष (Conclusion)
दोस्तों हम आशा करते है की इस लेख से आपको पता चल गया होगा की Internet Of Things in Hindi – IOT क्या है और इसकी विशेषताएं | अगर आपको इस लेख से जुड़ा कोई भी प्रश्न पूछना हैं तो आप नीचे Comment करके पूछ सकते हैं। इसे अपने दोस्तों के साथ Share करें.
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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. पहला IoT डिवाइस कौन सा था?
John Romkey द्वारा बनाया गया स्मार्ट टोस्टर पहला IoT डिवाइस था, जिसे 1990 में बनाया गया था | इसे इंटरनेट द्वारा नियंत्रित किया जाता था |
2. हिंदी में उदाहरण सहित आईओटी क्या है?
IoT का पूरा नाम Internet of Things (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) है | इसका इस्तेमाल सेंसर्स, सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी की मदद से डेटा को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है |
3. IoT डिवाइस का कौन उदाहरण हैं?
उदाहरण के लिए, मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप, अमेज़न इको, गूगल होम, मॉडम आदि सभी को IoT डिवाइस कहा जाता है |